Meta ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स Facebook और Instagram Reels को और ज्यादा इन्क्लूसिव और मल्टी-लिंग्वल बनाने के लिए नया AI वॉइस ट्रांसलेशन और लिप-सिंक फीचर लॉन्च किया है। इस फीचर की मदद से क्रिएटर्स अपनी रील्स को कई भाषाओं में शेयर कर पाएंगे, बिना अलग-अलग वर्जन रिकॉर्ड किए। फिलहाल यह फीचर English से Spanish और Spanish से English ट्रांसलेशन को सपोर्ट करता है, लेकिन कंपनी का कहना है कि जल्द ही और भी भाषाओं को इसमें जोड़ा जाएगा। इससे क्रिएटर्स को ग्लोबल ऑडियंस तक पहुंचने का बड़ा मौका मिलेगा।
Meta का यह फीचर क्रिएटर्स को कंटेंट को ज्यादा आसान और आकर्षक बनाने का अवसर देता है। इसके जरिए वे अपनी रील्स को अलग-अलग भाषाओं में उपलब्ध कराकर ज्यादा दर्शकों तक पहुंच बना सकते हैं। इस कदम से Meta का मकसद है कि भाषा की बाधाओं को दूर कर रील्स की लोकप्रियता और बढ़ाई जाए।
कैसे काम करता है Meta AI Translations फीचर
इस फीचर को इस्तेमाल करने के लिए क्रिएटर्स को सबसे पहले “Translate your voice with Meta AI” विकल्प पर क्लिक करना होगा। इसके बाद वे अनुवाद और लिप-सिंकिंग सेटिंग्स को टॉगल कर सकते हैं। जब अनुवाद तैयार हो जाता है तो क्रिएटर्स को एक नोटिफिकेशन मिलता है और फिर वे इसे अपने प्रोफेशनल डैशबोर्ड से फाइनल रिव्यू कर सकते हैं। खास बात यह है कि Facebook Pages पर एक ही Reel के लिए 20 तक डब्ड ऑडियो ट्रैक अपलोड करने की सुविधा दी गई है।
इससे क्रिएटर्स को अलग-अलग भाषाओं में कंटेंट बनाने की झंझट से छुटकारा मिलेगा और एक ही वीडियो को कई वर्ज़न में उपलब्ध कराया जा सकेगा। यह फीचर न केवल समय बचाएगा बल्कि दर्शकों के लिए कंटेंट को ज्यादा सुविधाजनक और पर्सनलाइज्ड अनुभव देगा।
कई भाषाओ में रील को देख सकेंगे दर्शक
यह फीचर केवल क्रिएटर्स के लिए ही नहीं बल्कि दर्शकों के लिए भी एक बड़ा बदलाव लेकर आया है। दर्शक अपनी पसंद की भाषा में किसी भी रील का आनंद ले सकते हैं। यदि कोई यूजर अनुवादित आवाज़ नहीं सुनना चाहता, तो वह आसानी से सेटिंग्स मेनू से इस विकल्प को बंद कर सकता है। इस तरह Meta ने कंटेंट को ज्यादा फ्लेक्सिबल और एडाप्टिव बना दिया है।
Meta का मानना है कि यह फीचर कंटेंट की पहुंच को कई गुना बढ़ा देगा। क्रिएटर्स को अब स्थानीय भाषा तक सीमित रहने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि वे अपनी आवाज़ को दुनिया के अलग-अलग कोनों तक पहुंचा सकेंगे। इससे न केवल क्रिएटर्स की फॉलोइंग बढ़ेगी बल्कि यूजर्स को भी उनकी पसंद की भाषा में कंटेंट देखने और समझने का मौका मिलेगा।
शॉर्ट वीडियो के प्रभाव पर शोधकर्ताओं में बडी चिंता
जहां Meta अपने यूजर्स को बेहतर अनुभव देने की दिशा में काम कर रहा है, वहीं शोधकर्ताओं ने शॉर्ट वीडियो के बढ़ते असर को लेकर चिंता जताई है। Tianjin Normal University के प्रोफेसर Qiang Wang द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि शॉर्ट वीडियो देखने से दिमाग के वही हिस्से सक्रिय होते हैं जो नशे से जुड़े होते हैं। इससे ध्यान, याददाश्त और प्रेरणा पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
चीन में किए गए अध्ययन के मुताबिक, शॉर्ट वीडियो की लत लोगों में डिप्रेशन और नींद की समस्याओं को भी बढ़ा सकती है। औसतन एक यूजर प्रतिदिन 151 मिनट शॉर्ट वीडियो देखता है और इस तरह के कंटेंट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 96% तक पहुंच चुकी है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन सकती है।
संतुलन बनाये रखना भी है बहुत जरूरी
Meta का यह नया फीचर डिजिटल क्रिएटर्स को दुनिया भर के दर्शकों से जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम है। इससे कंटेंट क्रिएटर्स को अपनी पहुंच बढ़ाने और दर्शकों को अपनी पसंद की भाषा में कंटेंट का अनुभव करने का मौका मिलेगा। हालांकि, शॉर्ट वीडियो की बढ़ती लत और इसके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
तकनीक जहां नई संभावनाएं और सुविधाएं ला रही है, वहीं इसके साथ संतुलन बनाना भी बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करते समय लोगों को सीमित समय तक शॉर्ट वीडियो देखने की आदत डालनी चाहिए। तभी इस तरह के फीचर्स का फायदा उठाकर क्रिएटर्स और दर्शक दोनों सुरक्षित और हेल्दी डिजिटल लाइफ जी पाएंगे।
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